जलडेगा:प्रखण्ड के परबा पंचायत अंतर्गत रायकोना पहाड़ टोली के ग्रामीण पीने के पानी के लिए विगत तीन महीने से दर दर भटक रहे हैं। गांव में ना जलमीनार है ना चपाकल और ना ही कोई अन्य श्रोत। एक मात्र पुर्वजों का बनाया गया कुंआ है जो तीन महिने पुर्व सुख गया है।
गांव के दस परिवार तीन किलोमीटर दूर ग्राम जामटोली से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। मवेशीओं के पिने एवं नहाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता है कभी कभी परिवार के सदस्य तो नहाते भी नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि वे बीडीओ, प्रमुख, मुखिया, वार्ड से कई बार गांव में मनरेगा के तहत कूप निर्माण कराने या चपाकल खोदवाने के लिए लिए आवेदन देकर निवेदन कर चुके हैं। लेकिन कोई उनकी ओर ध्यान नहीं देता है, सिर्फ सक्षम परिवारों को मनरेगा का योजना दिया जा रहा है… गरीबों से सिर्फ वोट लेने आते हैं। गांव की मुखिया बिमला देवी भी लगातार दुसरी बार पंचायत मुखिया के रुप में चयनित हुई लेकिन गांव की समस्या जानते हुए भी आंख बंद किए हुए है। पंचायत में आम जनता की सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों का कहना है अगले कुछ दिन ही गांव तक चपाकल गाड़ी आ सकती है। अगर आएगी तो ग्रामीण श्रमदान कर रोड ठीक कर गांव तक चपाकल गाड़ी को पहुंचाएंगे।ग्रामीण सुखराम मांझी, धाधू मांझी, रोटा मांझी, पूसा मांझी, कुंती देवी, मिथिला देवी, सधनी देवी, सोनामती देवी, धनमाइत देवी, उग्रसेन मांझी सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी के दिनों लम्बे अरसे से गांव के लोग इस समस्या से जुझ रहे हैं। कई बार सरकार आपके द्वार का आयोजन भी हुआ लेकिन अधिकारी आते और पिकनिक जैसे खाना पीना खा कर चले जाते.. कई बार लिखित आवेदन दिया गया लेकिन अब तक उनके गांव में मनरेगा से एक कुंआ तक नही दिया गया।
