डुमरी (गुमला)। प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय डुमरी में फूड प्वाइजनिंग का मामला प्रकाश में आया है। 2 की स्थिति गंभीर होने के कारण बेहतर इलाज हेतु गुमला रेफर किया जा चुका है। पीड़ित बच्चियों के अनुसार रविवार की रात्रि करीब 7 बजे बच्चियों को खाना जिसमें चावल, दाल व आलू फूलगोभी का सब्जी दिया गया था। जिसमें आलू फूलगोभी की सब्जी में से दवा का गंध आ रहा था। जिसे कुछ बच्चियों ने खाया एवं कुछ बच्चियों ने सब्जी में गंध आने के कारण सब्जी को नहीं खाया। जबकि जिन्होंने वो सब्जी खाया उन्हें लगभग एक घंटे के बाद उल्टी एवं पेट दर्द होना शुरू हो गया। जब इसकी सूचना विद्यालय के वार्डन जेनिफा कुल्लू को हुई तो उन्होंने उक्त भोजन खाए हुए 28 बच्चियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरी में ले जाकर इलाज कराया। जहां बच्चियों का इलाज लगभग दो बजे रात्रि तक चलता रहा। इसके पश्चात उन्हें विद्यालय भेज दिया गया। वहीं सोमवार को लगभग दोपहर 11 बजे कुछ बच्चियों का फिर से तबियत खराब होने लगा तब विद्यालय प्रबंधन के द्वारा मोटरसाइकिल में बैठाकर बच्चियों को अस्पताल ले जाया गया जहां 7 बच्चियों का पुनः इलाज किया गया। जिसमे से गंभीर स्थिति को देखते हुए 2 बच्चियों को बेहतर इलाज हेतु सदर अस्पताल गुमला रेफर कर दिया गया है। ज्ञात हो की विद्यालय प्रबंधन की घोर लापरवाही के कारण एक बहुत बड़ी अनहोनी घटना होने से टल गई है। लापरवाही इतनी बरती गई है की देर रात तक इस तरह के जान के खतरे से संबंधित घटना घटित होने पर भी इसकी सूचना विद्यालय प्रबंधन के द्वारा न तो विभाग को दी गई न ही पुलिस प्रशासन को और न ही प्रखंड प्रशासन को। जब सोमवार को पत्रकारों के माध्यम से पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना मिली तब थाना प्रभारी मनीष कुमार के नेतृत्व में फौरन विद्यालय पहुंचकर सभी पीड़ित बच्चियों का हाल चाल पूछते हुए दोबारा इलाज कराया गया। जहां मौके पर अन्य माध्यम से सूचना मिलने पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जीतवाहन सिंह एवं अन्य शिक्षा कर्मी विद्यालय पहुंचे थे। जहां प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने मामले की गंभीरता को नजर अंदाज करते हुए जांच कर संबंधित लापरवाह व्यक्तियों पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने की बात कहने के बजाय गोल मटोल जवाब देते हुए मामले को रफा दफा करने की बातें कही। जबकि विद्यालय की वार्डन घटना की गंभीरता को जानते हुए सोमवार को सुबह ही मीटिंग की बातें कह गुमला चली गई। ऐसे में प्रतीत होता है की दूर दराज से आकर आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत इन बालिकाओं के स्वास्थ्य के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है। इस संबंध में अभिभावकों व ग्रामीणों में रोष देखा गया है। भाजयुमो जिला मंत्री नितेश गुप्ता ने कहा की विद्यालय प्रबंधन की घोर लापरवाही नजर आ रही है। रात में 28 बच्चियों का अस्पताल में ले जाकर इलाज कराया गया जहां किसी भी तरह की कोई सिक्योरिटी नहीं थी और न ही अस्पताल में डॉक्टर ही उपस्थित थे ऐसे में इनके साथ किसी भी तरह की कोई भी अप्रिय घटना घटती तो इसका जिम्मेवार कौन होता। उन्होंने इस तरह के लापरवाह भरे कार्य करने वाले लोगों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह के घटना की पुनरावृति न हो। इस संबंध में डॉ. रोशन खलखो ने कहा की मामला फूड प्वाइजनिंग का ही लगता है। खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियों में किसी तरह के कीटनाशक के छिड़काव होने से ऐसा मामला हो सकता है। हमने 7 बच्चियों को भर्ती किया है जिसमें 2 बच्चियों को गुमला रेफर किया गया है। साथ ही ओपीडी में भी हमने लगभग 20 बच्चियों को देखा दवा देकर विद्यालय में ही आराम करने की सलाह दी है।
