कसाईदोहर गाँव में सामाजिक कार्यकर्त्ता अगुस्टीना सोरेंग ने महिलाओं के बीच चलाया जागरूकता अभियान

सिमडेगा:गरजा पंचायत अंतर्गत कसाईदोहर गाँव में सामाजिक कार्यकर्त्ता अगुस्टीना सोरेंग ने टोला बैठक में “मरीज अधिकार चार्टर” तथा डायन प्रथा उन्मूलन अधिनियम के बारे जानकारी दिया। उन्होंने “मरीज अधिकार चार्टर” के बारे सभा को जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में उपलब्ध सारी सुविधाएँ जैसे खून की जाँच, एक्स रे, सी टी स्कैन, एम आर आई, अल्ट्रासाउंङ, बेड चार्ज इत्यादि की दरों की सूची को स्थानीय एवं अंग्रेजी भाषा में एक प्रमुख स्थान पर लगाया जाना है जिससे मरीज या उसके रिश्तेदारों को सही दरों को जानकारी हो। उपचार के दौरान मरीज की गोपनीयता, मानवीय गरिमा और निजता का अधिकार है, पुरुष चिकित्सक द्वारा महिला मरीज की शारीरिक जांच के दौरान महिला की उपस्थिति सुनिश्चित करने का अधिकार मरीज एवं उसके रिश्तेदार तय कर सकते हैं साथ ही कोई भी अस्पताल किसी भी कारण से किसी मरीज के मृत शरीर को छोङने से इंकार नहीं कर सकते हैं। साथ ही मरीजों का भी कर्तव्य है कि स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी दें, जाँच एवं इलाज के दौरान डाॅक्टरों का सहयोग करें एवं डाॅक्टरों और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों की गरिमा का सम्मान करें। इसी प्रकार किसी प्रकार की बिमारी का इलाज कराएं एवं किसी को भी डायन न पकङें । डायन कुप्रथा एक अंधविश्वास है जिससे गाँवों को मुक्त करना है। इसलिए बिमारी और स्वस्थ्य संबंधी विकार में डाॅक्टर के पास जाएं ओझा मत्ती या गुणी के पास नहीं। ग्रामीण महिलाओं ने जानकारी दिया कि ममता वाहन प्रसूति महिला को प्रसूति के बाद वापस घर लाने के समय 200/- मांगते है और ले रहे हैं। जबकि यह निःशुल्क है।इस मौके पर एकल नारी सशक्ति संगठन की एभलेनजिस्ता कन्डुलना ने महिला सुरक्षा और गरिमा के लिए कानूनों की जानकारी दी। इस अवसर पर निलिमा, रेनी, सुशीला टोप्पो, मार्था, आईलिन एवं काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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